लाली होंटवा से,
लाली होंटवा से,
दे दअ तनिक प्यार हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो,
आपन दिलवा के,
आपन दिलवा के,
कईसे समझाई हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो ,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो,
गोर-गोर मुखरा ह,
गोर-गोर मुखरा ह,
जईसे दूधवा के धार हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो,
लाली-लाली होंटवा से,
लाली-लाली होंटवा से,
दे दअ तनिक प्यार हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो,
चलअ ह तू जब,
चलेला बहार हो
कवि मनीष
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