भूलीहा न कहीयो,
तू हमार प्यार के,
चाहे रहअ केन्हुओ,
संसार में,
कईसे भूलम ऐ सजनीं,
हम तोहार प्यार के,
तू हीं तअ निकालअ ह हमरा,
मझधार से,
चिठीया लिखिया रोजे,
भूलीहा न कहीयो,
हम तअ राह हीं सजना,
पर तू ह मंजिल हमार प्यार के,
कईसे भूलम ऐ सजनीं,
हम तोहार प्यार के,
तू हीं तअ निकालअ ह हमरा,
मझधार से,
भूलीहा न कहीयो,
तू हमार प्यार के,
चाहे रहअ केन्हुओ,
संसार में,
चाहे रहअ केन्हुओ,
संसार में,
चाहे रहअ केन्हुओ,
संसार में
कवि मनीष
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