आया सावन झूम के,
हरी-हरी धरती गाये घूम-घूम के,
आया सावन झूम के,
शिव,शंकर,शंभु की टोली आई,
झूम-झूम के,
आया सावन झूम के,
बाजी जब भोले की शहनाई,
सारा जग नाचा झूम-झूम के,
आया सावन झूम के,
बगियों में नई रौनक़ आई,
फूल-कलियाँ खिलखिलाईं,
झूम-झूम के,
आया सावन झूम के,
आया सावन झूम के,
आया सावन झूम के
कवि मनीष
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