हैं निगाहें आपकी जैसे,
नीला-नीला हो समंदर,
है बातें आपकी जैसे,
छाया हो धूप में बादल,
रंग है आपका जैसे,
फूलों की होती है रंगत,
हैं बातें आपकी जैसे,
छाया हो धूप में बादल,
बातें हैं आपकी जैसे,
टिमटिमाते हैं तारे पल-पल,
हैं बातें आपकी जैसे,
छाया हो धूप में बादल,
छाया हो धूप में बादल,
छाया हो धूप में बादल,
छाया हो धूप में बादल,
छाया हो धूप में बादल
कवि मनीष
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