Tuesday, 16 July 2019

देश ये मेरा अभिमान है..

देश ये मेरा अभिमान है,
जो ना थमेगा कभी ये वो तूफ़ान है,
इस तूफ़ान सब बिख़र जाएँगे,
कहता ये अमर बलिदान है,

आज और कल भी हमारा है,
टूटी कश्तियों का ये किनारा है,

देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन,
देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन,

तोड़ के हर दीवार हम अमन ले आएँगे,
एकजुट हो हम तो क्या नहीं कर जाएँगे,
तोड़ के हर दीवार हम अमन ले आएँगे,
एकजुट हो हम तो क्या नहीं कर जाएँगे,

देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन,

देश ये मेरा अभिमान है,
जो ना थमेगा कभी ये वो तूफ़ान है,
इस तूफ़ान में सब बिख़र जाएँगे,
कहता है ये अमर बलिदान है,

देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन,
देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन 
देश है ये मेरा जैसे गगन,
देश है ये मेरा जैसे हरदम महकता चमन 
कवि मनीष 






No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...