Sunday, 14 July 2019

राह में जब मुलाक़ात हुई..

राह में जब मुलाक़ात हुई,
रिमझिम, रिमझिम, रिमझिम,बरसात हुई,
राह में जब मुलाक़ात हुई,

कलियाँ सारी खिल गईं मुस्कुराते हुए,
भंवरे सारे हो गए चंचल मंडराते हुए,
नदियाँ सारी हो गईं चंचल बलख़ाते हुए,

गुलाबी-गुलाबी फ़िज़ा हो गई सारी,
राह में जब मुलाक़ात हुई,
रिमझिम, रिमझिम, रिमझिम, बरसात हुई,

राह में जब मुलाक़ात हुई,
राह में जब मुलाक़ात हुई,
राह में जब मुलाक़ात हुई 
कवि मनीष 

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