Saturday, 13 July 2019

आई जो याद आपकी..

आई जो याद आपकी,
हम ख़्यालों में ख़ो गएँ,
फैली हुई चाँदनी,
के उजाले में ख़ो गएँ,

आई जो याद आपकी,

वो जुल्फ़ घनेरी आपकी,
मुझपे बिख़र गई,
ख़ुशबू ए हुस्न आपकी,
बहारों में बिख़र गई,

रंग सारे आपके,
तारों में भर गएँ,
और रंग वो सारे,
मुझपे बिख़र गएँ,

आई जो याद आपकी,
हम ख़्यालों में ख़ो गएँ,
फैली हुई चाँदनी,
के उजाले में ख़ो गएँ,

आई जो याद आपकी 
कवि मनीष 

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