Tuesday, 1 December 2020

जईसे दिवा व रात्रि बनाए एक दिन,

वईसे माता के प्रीत से महके हर दिन,

जो मन में छवि माता के रखे बसा के,

ओके घर में बनें वसंत-बहार हर दिन


कवि मनीष 

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