नानक न गिरे ज़ुल्म के आगे,
नानक नाम से हर ज़ुल्मी भागे,
न रूके कृपाण तब तलक,
जब तलक सूरज अमन का न जागे
गुरू नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ
कवि मनीष
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प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...
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