Tuesday, 17 November 2020

रोम-रोम में हैं बसे मोरे राम,

हिर्दय में हैं बसे मोरे राम,

जेके हिर्दय में राम बसे,

ओके हिर्दय स्वतः विराजे हनुमान


कवि मनीष 

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