Friday, 20 November 2020

प्रभु संग प्रीत मोहे अईसे लागी,

सुद-बुद मोरे बस में नाही,

छोर है नाही कोई गगन के जईसे,

वईसे मोर भक्ति के अंत नाही


कवि मनीष 

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