Sunday, 25 October 2020

जाये के दुखवा सहे के परे हीं,

माई तोहरा के बिदा करके परे हीं,

अगिले बरस मईया फिर तोहके बुलाईम,

अभी त बिदा तोहके करे के परे हीं,


जईसे सूरूज बाटे गगनवा में माई,

अईसे तोहार बाट जोहे के परे हीं,

तोहार जुदाई माई हमार दिल के बर सताई,

पर तोहके माई बिदा करे के परे हीं,


जाये के दुखवा सहे के परे हीं,

माई तोहरा के बिदा करके परे हीं,

अगिले बरस मईया फिर तोहके बुलाईम,

अभी त बिदा तोहके करे के परे हीं 


कवि मनीष 

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