माता ओ शेरोवाली,
है सबसे तू निराली,
है तू फूलों सी कोमल,
और है तू अग्नि की भी डाली,
माता ओ शेरोवाली,
है सबसे तू निराली,
है धधक तुझमें क्रोध की भी,
है ठंडक तुझमें चाँद की भी,
है तू तो ममता की वाणी,
है तू तो सबसे निराली,
माता ओ शेरोवाली,
है सबसे तू निराली,
माता ओ शेरोवाली,
है सबसे तू निराली
आप सभी नवरात्रि की असीम शुभकामनाएँ
कवि मनीष
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