Saturday, 17 October 2020

माता ओ शेरोवाली,

है सबसे तू निराली,

है तू फूलों सी कोमल,

और है तू अग्नि की भी डाली,


माता ओ शेरोवाली,

है सबसे तू निराली,


है धधक तुझमें क्रोध की भी,

है ठंडक तुझमें चाँद की भी,

है तू तो ममता की वाणी,

है तू तो सबसे निराली,


माता ओ शेरोवाली,

है सबसे तू निराली,


माता ओ शेरोवाली,

है सबसे तू निराली 



आप सभी नवरात्रि की असीम शुभकामनाएँ 

कवि मनीष 

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