Friday, 4 September 2020

 प्रेम से बस जो करतें हैं इसकी भक्ति,

ये माँ लुटाती है उसपे अपनी सारी शक्ति,

भर देती है झोली पल भर में,

सुखों की सौगात ये है उनको देती रहती


जय माँ संतोषी 

कवि मनीष 

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