Sunday, 5 July 2020

अशांत मन को जो कर दे शांत,
जो समस्त नकरात्मकताओं का कर दे अंत,
है ऐसी शक्ति समाई इनमें,
हैं ये वो परमशक्ति जो कर दें क्षणभर में रंक को राजा और राजा को रंक

कवि मनीष

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