Friday, 3 July 2020

नृत्य के दुनिया का एक ज़िंदा दिल इंसान,
चला गया कर पूरे अपनें सारे ख़्वाब छोड़कर जहान

कवि मनीष 

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...