रात और दिन जब तक रहे,
आशाओं के दीप जले,
मैं रहूँगा सदा तेरे साथ,
ये साईं कहे,
गगन में जब तक चाँद,सूरज,सितारे रहे,
हर मन में करूणा के फूल खिले,
तेरे सर पे सदा रहेगा मेरा हाथ,
ये साईं कहे,
कैसा ये अद्भुत रिश्ता है,
मानव,आत्मा,परमात्मा एकदूसरे से जुड़कर,
बनाते जीवन गगन रंग-बिरंगा है,
तेरे हाथों में रहेगा सदा मेरा हाथ,
ये साईं कहे,
रात और दिन जब तक रहे,
आशाओं के दीप जले,
मैं रहूँगा सदा तेरे साथ,
ये साईं कहे
कवि मनीष
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