Thursday, 30 April 2020


जय हो सृष्टि रचियता,
जय हो विधाता,
जय हो ब्रह्म देवा,

धरती का उपवन रचनें वाले,
हर रंग के पुष्प इसमें भरनें वाले,
जय हो सृष्टि रचियता,
जय हो ब्रह्म देवा,

जय हो सृष्टि रचियता,
जय हो विधाता,
जय हो जीवन दाता,

जय हो सृष्टि रचियता,
जय हो विधाता,
जय हो ब्रह्म देवा 

कवि मनीष 
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