जब फैलती है किताबों की खुशबू,
हर तरफ है फैल जाती रंग-बिरंगी खुशबू,
समाज को हरवक्त आईना दिखाता,
इसकी चमक है बिखरती हरसूं,
है इसमें समाया अथाह सागर,
है इसके गगन में छाए हर रंग के बादल,
जीवन के हर रंग से है भरा,
इसका अनंत सरोवर,
इसमें समाए हैं अनगिनत जादू,
जब फैलती है किताबों की खुशबू,
हर तरफ है फैल जाती रंग-बिरंगी खुशबू,
समाज को हरवक्त है आईना दिखाता,
इसकी चमक है बिखरती हरसूं
विश्व पुस्तक दिवस की अनगिनत शुभकामनाएँ
कवि मनीष
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