Saturday, 18 April 2020


जयकारा जो लगाते हैं माँ वैष्णों का,
है बरसता आशीष उनपे त्रिदेवियों का,
है जीवन एक विशाल वटवृक्ष और,
लगतें हैं फल इसपे माँ के आशीर्वाद का,

है महकता आँचल जब फैलता,
तब उसमें महकती है खुशबू सारे फूलों का,
है जीवन तो अनंत गगन और,
चमकतें हैं सितारे इसमें माँ की कृपा का,

जयकारा जो लगाते हैं माँ वैष्णों का,
है बरसता आशीष उनपे त्रिदेवियों का,
है जीवन एक अथाह सागर और,
लगते हैं फल इसपे माँ के आशीर्वाद का

कवि मनीष 
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