Wednesday, 18 March 2020



है सारे तीर्थों का संगम,
है साईं तेरा दर इतना पावन,
है रहता सदा तेरी कृपा का संसार वहाँ,
है साईं तेरा दर सारे रंगो का संगम,

ख़ाली हाथ है लौटता नहीं कोई,
तू भरता है सबकी झोली,
तेरे दर होती है मानवता की होली,
है बजता मधुर राग हरदम,

है सारे तीर्थों का संगम,
है साईं तेरा दर इतना पावन,
है रहता सदा तेरी कृपा का संसार वहाँ,
है साईं तेरा दर सारे रंगो का संगम 

कवि मनीष 
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