सुबह और शाम,
हर दिन भजो श्री राम,
जीवन का है यही ज्ञान,
भजो प्यारे श्री राम,
वसंत-बहार, पतझड़ आए,
ग्रीष्म,शीत,बरखा आए,
हर ॠतु में करो ये काम,
भजो भक्तों श्री राम,
सुगंध और पुष्प सा,
चंद्रमा और चकोर सा,
बरखा और मोर सा,
तू जोड़ ले रिश्ता और,
बन जा राम का सम्मान,
सुबह और शाम,
हर दिन भजो श्री राम,
जीवन का है यही ज्ञान,
भजो प्यारे श्री राम
कवि मनीष
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