Thursday, 20 February 2020

ऐ साईं,
तेरी किरपा से,
हो जातें हैं,
सबके बेड़ा पार,

लगा दे किनारे,
कश्ती हमार,
तेरी नज़र से है
हो जातें,

मरूस्थल भी,
बहार,
ऐसी ताक़त है,
तेरा चमत्कार,

जब तू है करता
उजाला,
तब ख़त्म है हो जाता
रात का संसार,

तेरे नेत्रों में है,
वसंत-बहार,

ऐ साईं,
तेरी किरपा से,
हो जातें हैं,
सबके बेड़ा पार,

लगा दे किनारे,
कश्ती हमार,

लगा दे किनारे,
कश्ती हमार,
लगा दे किनारे,
कश्ती हमार 

कवि मनीष 
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