Sunday, 2 February 2020

है हो जाता पवित्र-पावन मनुष्य का आलय,
जब है वो बसा लेता मन में अपनें शिवालय 

कवि मनीष 
**************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...