Sunday, 8 December 2019

जो हक़ीक़त की ज़मीं पर सदा रहते हैं खड़े,
उनके हीं होतें हैं ख़्वाब पूरे

कवि मनीष 
**************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...