Thursday, 26 November 2020

फूलों नें बनाई सेज बहार की,

गगन नें पुष्पों की बौछार की,

जब राधा-कृष्ण नें किया श्रृंगार,

तब चद्रंमा नें अपनें शीतल किरणों की बौछार की 


कवि मनीष 

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ख़ून से रंग चुकी थी धरती,

जीवन मौत के चंगुल में थी फंस गई,

तब शौर्य से लिखी वीरों नें,

मानवता की एक नई कहानी


ये रचना मैंनें २६/११ पर लिखी है ।

कवि मनीष 

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