फूलों नें बनाई सेज बहार की,
गगन नें पुष्पों की बौछार की,
जब राधा-कृष्ण नें किया श्रृंगार,
तब चद्रंमा नें अपनें शीतल किरणों की बौछार की
कवि मनीष
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ख़ून से रंग चुकी थी धरती,
जीवन मौत के चंगुल में थी फंस गई,
तब शौर्य से लिखी वीरों नें,
मानवता की एक नई कहानी
ये रचना मैंनें २६/११ पर लिखी है ।
कवि मनीष
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