एक दिनभर खेतों में पसीना बहाता है,
एक ख़ून पानी की तरह बहाता है,
है वो जवान और किसान,
धरती का लाल जो कहलाता है,
ख़ून और पसीनें की कीमत पूछो इनसे,
देश की मिट्टी महकती है क्यों,
पूछो इनसे,
हैं ये वो जो भारत को भारत माता हैं बनाते,
देश से है जो करता प्यार बस वही सच्चा कहलाता है,
एक दिनभर खेतों में पसीना बहाता है,
एक ख़ून पानी की तरह बहाता है,
है वो जवान और किसान,
धरती का लाल जो कहलाता है
कवि मनीष
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