Friday, 24 April 2020


हर मोड़ पे है गूंजता जिसका जयकारा,
है वो भोले शंकर न्यारा,
मस्तक पर है विराजे जिसके चंद्रमा प्यारा,
है वो भोले शंकर हमारा,

करे जब वो तांडव,
है आ जाता भूचाल,
है हिर्दय से जब उससे पूछो,
तो वो है देता हर सवाल का जवाब,

जिसके जटा से है निकलती अमृतमय गंग धारा,

हर मोड़ पे है गूंजता जिसका जयकारा,
है वो भोले शंकर न्यारा,
मस्तक पर है विराजे जिसके चंद्रमा प्यारा,
है वो भोले शंकर हमारा 

कवि मनीष 
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