है होता जहाँ जीवन का श्रृंगार,
है वो माता रानीं का दरबार,
है रहता जहाँ हमेशा वसंत-बहार,
है वो माँ अम्बे का दरबार,
जलती है जहाँ जीवन ज्योत,
बहता है जहाँ निरंतर जीवन श्रोत,
है निरंतर होता जहाँ महा चमत्कार,
है वो मईया भवानीं का दरबार,
है होता जहाँ जीवन का श्रृंगार,
है वो माता रानीं का दरबार,
है रहता जहाँ हमेशा वसंत-बहार,
है वो माँ अम्बे का दरबार
कवि मनीष
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