Monday, 23 March 2020


 शिव स्तुति
********

हे शिव हो तुम महाकाल,
पापियों का अंत कर,
ले आओ नेक जीवन में बहार,

तुम करते हो चमत्कार,
लगाते हो डूबतों का बेड़ा पार,
हे शिव हो तुम महाकाल,

तुम्ही से है जगमगाता सारा संसार,
तुम्ही करते हो पाप पर प्रहार,
तुम तो हो चमत्कारों का चमत्कार,

हे शिव हो तुम महाकाल,
पापियों का अंत कर,
ले आओ नेक जीवन में बहार  

कवि मनीष 
****************************************


No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...