रात को दिन बनानेवाले,
ऐ साईं तुम हो जन-जन के रखवाले,
रेत को समन्दर बनानेवाले,
ऐ साईं तुम हो समस्त सृष्टि के रखवाले,
जग में करूणा का दीपक जलानेंवाले,
सारे जग को मानवता की सीख देनें वाले,
जीवन में वसंत-बहार लानेंवाले,
ऐ साईं तुम हो संपूर्ण ब्रह्माण्ड के रखवाले,
रात को दिन बनानेवाले,
ऐ साईं तुम हो जन-जन के रखवाले,
रेत को समन्दर बनाने वाले,
ऐ साईं तुम हो समस्त सृष्टि के रखवाले
कवि मनीष
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