Sunday, 16 February 2020


रात के बाद हमेशा दिन है होता,
कौन कहता है कि आसमाँ में छेद नहीं होता

कवि मनीष 
**************************************

No comments:

Post a Comment

प्रेम जब पहुँचे हिर्दय की गहराई तक, पराकाष्ठा पहुँचे उसकी नभ की ऊँचाई तक, प्रेम अगर रहे निर्मल गंगा माई के जैसे, वो प्रेम पहुँचे जटाधारी के ...