माँ के दरबार में जलाओ दीप,
मुरादें तेरी होंगी पूरी ऐ मन मीत,
तो चलो आओ गाओ,
सब मिलके खुशी के गीत
माँ के दरबार में बरसे बहार,
अमावस पे हो जाए,
पूनम का श्रृंगार,
सर्वत्र छा जाए प्रीत हीं प्रीत,
माँ के दरबार में जलाओ दीप,
मुरादें तेरी होंगी पूरी ऐ मन मीत,
तो चलो आओ गाओ,
सब मिलके खुशी के गीत,
माँ के दरबार में जलाओ दीप
कवि मनीष
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