Wednesday, 25 December 2019



जब-जब ज़ुल्म अपनी सीमा लांगता है,
तब-तब इन्सानियत की रक्षा के ख़ातिर एक मसीहा आता है
क्रिसमस त्यौहार की अनेकों शुभकामनाएँ ।

है राम,ईसा,पैग़म्बर,नानक सब एक,
अगर तू है सच्चा धर्मी तो सबको एक समान सम्मान दे ।
कवि मनीष

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