Monday, 1 June 2020

है जीवन तो राम का और न किसी का,
है जीवन तो भगवान का और न किसी का,
है चलती नाव जीवन की परमात्मा के हीं सागर में,
है जीवन तो श्री राम का और न किसी का 

कवि मनीष 
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